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Chhattisgarh News: कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों को ढूंढने के लिए बीजेपी ने जारी किए पोस्टर, पूछा- कहां हैं ‘लापता’ सदस्य?

बीजेपी ने कहा कि दूसरे राज्यों के नेताओं को राज्यसभा भेजकर छत्तीसगढ़ के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ जो छल भूपेश बघेल ने किया, आज उसी कृत्य का परिणाम कांग्रेस छत्तीसगढ़ में भुगत रही है.

रायपुर, Chhattisgarh News: भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बड़ा हमला बोला है. पार्टी ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों को खोजने के लिए पोस्टर जारी किए और पूछा कि पहले चरण का चुनाव खत्म हो गया, लेकिन ये सांसद अभी तक क्यों नहीं दिखे। दूसरे राज्यों से नेताओं को राज्यसभा में भेजकर. उस कार्रवाई का परिणाम आज कांग्रेस छत्तीसगढ़ में भुगत रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस के तीन नेता के.टी.एस. तुलसी, राजीव शुक्ला और रंजीता रंजन छत्तीसगढ़ के कोटे से नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता का हक छीनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कोटे से राज्यसभा सदस्य बने हैं और अब उनका छत्तीसगढ़ से कोई लेना-देना नहीं है।

छत्तीसगढ़ में सांसद निधि का पैसा कहां खर्च किया गया है?

संजय श्रीवास्तव ने कहा, ”भूपेश बघेल ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया है, उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सांसद निधि का पैसा कहां खर्च किया गया है छत्तीसगढ़? या, क्या इस पैसे का इस्तेमाल ‘अपने आकाओं की सेवा’ में भी किया जाता है?’ श्रीवास्तव ने शनिवार को एकात्म परिसर में प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा, ”कांग्रेस के राज्यसभा सांसद लगातार छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान कर रहे हैं. रंजीता रंजन ने यही सब कहा था |

‘कांग्रेस ने लोकसभा प्रत्याशियों को उनके हाल पर छोड़ दिया’

बीजेपी प्रदेश महासचिव ने तंज कसते हुए कहा कि आज कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में अनिच्छुक, उपेक्षित और थके हुए लोकसभा प्रत्याशियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. शुक्रवार को रायपुर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय की नामांकन रैली में न तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे और न ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज। ऐसे हालातों को देखकर ये साफ नजर आ रहा है कांग्रेस में अंतर्कलह से उपजी हताशा पूरी तरह व्याप्त हो चुकी है |

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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